Tuesday, April 9, 2019

।।सतनाम पर्व उत्सव व मेले की तिथियाँ ।।

सतनाम
    आज दि १८-९-२०१६ को
प्रगतिशील छग सतनाम साहित्य प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित साहित्यकारों के समारोह मे सतनाम धर्म के  विभिन्न जयन्ती पर्व उत्सव समारोह के सन्दर्भ मे अधिकारिक रुप से जन श्रुतियो और दस्तावेजों मे दर्ज तिथियों के आधार पर आयोजन करने सम्बन्धी  महत्त्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई । मनुष्य जन्मजात उत्सव धर्मी प्राणी है और वे अपने धर्म मान्यताओं बडे बुजुर्गों के उपलब्धियों को स्मृत व उनसे प्रेरणा लेने अनेक तरह आयोजन करते सुखमय जीवन निर्वाह करते है।
     मुलमुला काण्ड  की तीव्र भर्तस्ना करते  दोषियो के ऊपर शीध्र कडी कार्यवाही करने शासन प्रशासन को अवगत कराने व मृतक को श्रद्धान्जलि दी गई ।
       तत्पश्चात सतनाम धर्म मे प्रचलित गुरुओं सन्तो के  जयन्ती /पुण्यतिथी उत्सव पर्व मेले सन्दर्भित तिथियों पर चर्चा करते निर्धारित निम्नलिखित तिथियों पर सभी जगहों पर यथासम्भव  गरिमामय  आयोजन करने पर उपस्थित सभी सदस्यगण सहमत हुये-
१-गुरुघासीदास जयंती १८दि १७५६।तदानुसार १६-१७ को जयन्ती पूर्व  शोभायात्रा ।१८-३१ जयन्ती पखवाडा।
२ गुरु अम्मरदास जयन्ती - असाढपुन्नी (गुरुपुर्णिमा)  "अइटकातिहार"
३ - गुरुअम्मरदास समाधि दर्शन मेला - छेरछेरा पुन्नी चटवाधाट व बाराडेरा धाम।
४ गुरु राजाबालकदास जयन्ती गुरुमहाअष्टमी (आठे ) भादो कृष्ण पछ अष्टमी
५-गुरुराजा बालक दास बलिदान दिवस २८ मार्च १९६०

६-गुरुमाता मिनीमाता जयन्ती होलिका दहन की रात्रि १९१३
७- गुरु माता मिनीमाता पुण्यतिथी ११ अगस्त १९७२
८ गुरु जयन्ती पर्व प्रवर्तक मन्त्री नकूलदेव ढीढी जयन्ती १२ अप्रैल १९१४
९- अन्तर्राष्ट्रीय पन्थी नर्तक देवदास जयन्ती ...अप्रैल .......
१०- तपोभूमि गिरौदपुरी सत्धाम मेला -फागुन शु ५-६-७
११- भन्डारपुरी/ तेलासीपुरी / खडुवा खपरी धाम मे - दशहरा - क्वार दसमी / एकादशी
१२- गुरुगद्दी पूजामहोत्सव क्वार एकम से दसमी। १० दिवसीय आयोजन।
१३- सतनामायण / गुरुग्रन्थ / सन्तमिलन / सत्सन्ग प्रवचन ३-५-७ दिवसीय समारोह।दिसम्बर से मई तक।
१४ - सतनाम रावटी स्थल दर्शन यात्रा  (गुरु बाबा द्वारा ९ जगहो पर धर्मप्रचार हेतु डाले गये पडाव या रावटी स्थलो के दर्शन यात्रा।)अक्टूबर से   मई तक ।
१५ बोडसरा / अम्मरद्वीप अमरटापु / पताढी / पचरी धाम मेला
१६- चौका / साधु अखाडा / सतनाम सन्कीर्तन / भजन व सतनाम व्रत कथा सुख दुख दोनो अवसर पर सार्वजनिक व व्यक

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