"आरछण पर एक विनम्र सार्वजनिक सुझाव "
आरछण से संबंधित एक बात हैं जिसे अक्सर हमलोग जानते हुए प्रयोग नही करते ।
चार केटेगरी विभाजित समाज
को अनु जाति sc अनु जनजाति को st ,अन्य पिछडा वर्ग को obc और सामान्य gen कहते हैं।
यही सामान्य या जनरल वाले बाकी बचे 50% पर अपना एकाधिकार रखे हुए हैं। और एन केन प्रकरेण शेष तीनों वर्गों को यहां आने के लिए रोडे डाले जा रहे हैं।
जबकि वह ओपन या स्वतंत्र छेत्र हैं। हर भारतीय वहां जाकर अपना प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकता हैं।
यदि वाकिय में इन तीनो वर्गों के बाद शेष बचे पर आरछण चाहिए तो उनकी जनसंख्या के आधार पर उन्हे ५-६% देकर जिसमे क्रीमिलेयर रख सकते हैं। शेष ४५-४४% जगह को स्वंतत्र या ओपन कैटेगरी मे रखे।
इस तरह अब ५ वर्ग आरछण में हो।ताकि सभी आरछित व स्वतंत्र प्रतिस्पर्धी बन सके।
वर्ग इस तरह से विभाजित हो -
1 अनुसूचित जाति - sc
२ अनुसूचित जनजाति - st
३ अन्य पिछडा वर्ग - other backward class obc
४ शेष अगडा वर्ग other forward class ofc
५ स्वतंत्र वर्ग opan class
अब इनकी संख्या के अनुरुप सभी छेत्रो मे आरछण लागु कर सबको आरछित व स्वतंत्र वर्ग में सम्मलित करे।
सामान्य या gen. शब्द का विलोपन करे।
- डा अनिल भतपहरी
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