सुध लाम्हे रथे तोर डहन
मोला कछु नही भाये
सिरतोन तोर बिन रे
मोला कछु नइ सुहाये ...
नंजरे -नंजर म तय ह झुलत रहिथस
कर ले मया मोर संग तय ह कहिथस
जाथव तोर तीर म रे, छन म कहां पराये
का तय सरग परी रुप धरे मोहनी
खवाये मोला अउ बइहा करे मोहनी
देखे हव जब ले तोला रे, मोर सुध- बुध हजाये ...
जस तोर हाल रे संगी ,तस मोरो हाल
तोर मया पाये बर ,रहिथव मय बेहाल
होतिस पांखी संगी मोर त उड़ि चलि आते...
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