Monday, January 24, 2022

विडोस एरिया (परिष्कृत )

""विडोस एरिया "

      विडोस एरिया  ये क्या बला  हवे? असना कोनो  नाम होथय ?  कति अंग या ठ उर ल कहे जाथे ? हमन तो पहिली घांव  सुनत हन रे बबा  ? सुकरीत   कोतवाल ह घेरी- बेरी नोटिस के कागज ल अपन सलुखा के खींसा म धरत त निकालत फरियात कहे लगिस ...  नवा पटवारी  कालेज पढे़- लिखे फटफटी म आय -जाय। बोधन मंडल कहत लागय  के बेटा धजादास जोन डी.डी . पटवारी के नाव ले अपन हल्का म जाने जाथे ।सियान कोटवार ल समझावत कहिस .... कोटवार बबा  कलेक्टर साहब हर नवा राजधानी के गांव के पारा मन म जिहां ४-५  बछर म मनखे अकाल मौत मरत गिन हे। कोनो  किडनी, कोनो  लिवर त कोनो हर  कैसर बिमारी  मं । कोनो एक्सीडेन्ट तो कोनो जहरीला शराब पी के,  कोनो चरस अफीस और डरग -अरक म सिरायवत गे हे उकरेच  परिवार ल चिन्हाकित करे बर हांका परवात हे ।
 " का उन मन ल मुयावजा मिलही का पटवारी साहेब?  तीर म कोटवार संग खडे समेदास तिखारत पुछे लगिस ।
डी डी पटवारी कहिथे - अइसे हमला न इ लागत हे । फेर सुने म आत हे विधान सभा म प्रश्न पुछे गिस हबे कि राजधानी एरिया के गांव म धड़ाधड़  मौत -फौत  होने लगा है। आपसी बटवारे और पारिवारिक कलह फैलते जा रहे हैं। उसका कारण क्या? उसे रोकने सरकार प्रभावी कदम उठा रहे हैं या नहीं ?  नवतोम्हा विधायक के पुछे ल विधानसभा सन्न हो गे रहिस .... तेही पाय के कलेक्टर साहेब लमसम जानकारी बर मुनादी करात हे .... कि काकर काकर घर फौत होय हवे। ओकर  जानकारी पंचायत भवन म आके लिखवाहु और कोटवार रजिस्टर म फौत के आगु कारण लिखवाहु। ऐसे हाका परवा देना । कल साढे १० बजे से नाम  एंट्री होना शुरु करेन्गे ।बने हर चौक में खडा होके हांका पार देना । कहिके  डी डी पटवारी हर  आगु गांव डहन मुनादी कराय चल दिन ......
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    गियानिक दास हर भुपेन किराना दुकान  तीर  लीम चौरा म  अपन नाती नतनिन ल नड्डा बिस्कुट खवावत 
 बइठे रहिस कि डी डी पटवारी संग अभरेट हो ग इस .... साहेब सतनाम बंदगी होइस त पुछिस- " का हालचाल हे मंडल " .... त अपन मितनहा मंडल बोधन के बेटा डी डी ल देख बेटा के सुरता आगे ..रोनहुत कहे लगिस " बड़ दुःख के गोठ हे पटवारी साहेब  का ला गुठियाबे अउ काकर कना दु: ख ल परियाबे ।बुढ़त काल तीरथ- बरत करत समे बिताबोन कहत कुलकत तसीली जाके खेत के रजिस्ट्री म दसकत दे रहेन । जम्मा रुपया ल सरकार हमर बैंक के खाता म डार दे रहिस अउ एक कारड दे रहीस जरुरत पडे म एकर से मशीन म खुसेर ४० हजार तक के एक दिन म रकम निकाल लेबे ।मय खाता अउ अटीएम कारड ल संदुक म बिज्जक मार धरे रहेंव फेर  का करबे तारा टोर के परबुधिया जीराखन टुरा ल कलेचुप निकाल के रोजेज मंद कुकरी जुआ- चित्ती अउ अपन बाई बर  आनी -बानी के लुगरा सोन- चांदी के जेवर अउ हप्ता हप्ता कती माल टाकिज हवे सनीमा देखे जा -जा के साल दू साल म फूंक डारिस !" पटवारी टकटकी लगा के सुनते रहिगय। 
    ओहर सांस लेवत कहिन - " बरजे न इ मानय ददा !  भलुक अउ सवा सेर अउ एक रात मंद पीए फटफटी म चढे आत रहिस ये नवा राजधानी के सड़क म चलत  रेती -मुरम भराय   हाइवा म चपका के सतलोक सिधार गय ! थप थप आंसु चुहे धर लिस ... हमर त दुनिया उजड गय !  तीर म तोरन कठिवाय  बइठे  सुनत रहिस मुंह उलावत कहिन - "भले गांव उजाड के सरकार महल सिरजात हवे!  आज नाती -नतुरा के पोसई म उमर खपत हे । डोकरी ल असोच लोकवा मार दिन अउ बहुरिया के त उही एक्सीडेन्ट म  एक गोड एक हाथ कटाय खटिया के पुरतीन हे ।" परछी म ढ़रके उन ल एक नजर देखत पटवारी सिहरे असन होगिस ... ओला ओकर म इके न इ भेज देतेव ग ? 
     " समधी बिचारा जतनहु कहिके लेगे रहिस फेर उकर बेटा  बहुरिहा कब तक राखतिस .... एक फटिक के चल दिस ।बपुरी खोली म फफकत परे रथे। मोर त बड़ मरना हवे ... का करव, कइसे करव  कहे नी जाय ? 
        
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        सुने म आत हे अब गांव धर ल उजारे जाही .... कोतवाल के काही हाका पारे ल सुन करेजा मुह आ जथे ... सथरा म बइठे कौरा नई उठे  । का होही सतपुरुस साहेब तही जान । कहत बोधन मंडल के तर- तर आंसु बोहा जात हे! 

गियानिक अउ बोधन के दोस्तदारी के बड़ किस्सा रहीस ... दुनो अपन अपन गांव के बडंहर रहीस ।अउ उखर  एकलौता संतान रहीस । दुनो म बेटी -बेटा होतिस त गुरावट जुड़ जतिस ।फेर बेटा मन के बिहाब एके गांव अउ एके लगन म संगे बरात ले के बहुरिया बिहाव के   संउख रहीस । फेर बड़ भगमानी होथय जेखर संउख अउ साध पुर जाथे । छत्तीसगढ़ी मनसे मन त अभागा होथे ।जेकर बेटी ल बोधन अपन धजादास बर जोगें रहिस ओहर मंद के निशा म तरीया म बुड़ के मरगे .... तहां धजादास के बिहाव टलगे अउ पढे बर रायपुर के कालेज म चल दिस । एती मन मार के उही गांव के संत सरुप तोरन के घाद जात- जतुवन बेटी मुंगेसिया के बिहाव उच्छाहित गियानिक मंडल अपन अकलौता बेटा अंजोरदास बर करे रहिस ।फेर अंजोरदास हर काकर भभकौनी म आके अंधियार दास लहुट गय गम न ई मिलिस। अउ एक दिन  मंद -मउहा म चुर   हाइवा म चपका के असमय परलोक सिधार गय‌!  ओकरेच दुनो संतान अउ  अपाहिज पत्नी के नाव सर्वे सूची म लिखवा दिस । चलव कछु आसरा सहारा मिल जाय त जिनगी के गाड़ी अटके हे,  आरा- पुठा छरियाय हे!  तउन सवर जाय अउ फेर ढिचीर- सीचीर  चल परय ! 

नवा कलेक्टर साहेब बड़ दयालु हवे । सुने म आथे उन मन  हमरे सरीख गरीबहा घर ले निकले हवे ..खोरबाहरा ह लीम चौरा म संझा बइठे  लोगन मन ल बताय लगिस कि  उकर बाप हर तको  तड़िहा अउ जंग मंदहा रहिस ।कोड़ोबोड़ो राज के रहोइय्या ये ।ताड़ नरियर के पाना छवाय कुंदरा म रहय अउ ओखर महतारी बपुरी नरियर बगैचा म बनी भूति करय ..एक दिन नडियल पेड़ म चघे ओकर गोस इय्या नशा के चक्कर म  मुड़ भरसा गिर गय . तीन लरिका के महतारी बपुरी के बिपत झन पुछ
कइसे अपन नान नान लरिका ल पोसिस होही सजोर करिस .होही ! .. अउ ओखर बड़े बेटा ल नवोदय स्कूल म भर्ती कराइस ....आज उही ह गरीब -गुरबां  बर देवता बरोबर इंहा  आके सेवा बजात हवे। अउ अलकर म  होय विधवा महिला मन  ल  रोजी- रोजगार देय के उदिम चलावत हे उकर बाल बच्चा मन पढाय बर अवासीय स्कूल खोले जाही ‌।  सरकार सो नवा- नवा प्रस्ताव बनवात हे उकर पुनरवास बर जी जान लगे हवे ... सुने म आत हे कि उनमन बिहाव नइ करे हे ... अउ कोन्हो विधवाच संग  बिहा रचाही ! वेंकटरमन नाव के कलेक्टर ल बिसाहू कहिथे ओकर ददा पुरखा मन बिकट रामायन पढे ग ते पाय के बेंकटरमायन नाव धराए हवय। ओकर अंताज ल कत्कोन झन सच मान लिन । तभे तो अड़ताफ म रमैन पारटी के मिनज्जर  सालिक राम के नवा बहु  मैना के हाथ  मेहदी नइ छुटे रहिस अउ  ओकर सेंदूर पोंछा गय...विधि के बिधान कहिके बिचारी सास ससुर के सेवा बजावत ब इठे हवय।
     गांव के चौरा म सकलाय संझा कन  मनबोधी हर कहिस - " उनमन अतेक करत हे त सबो नास  के जर  मंद मंउहा के नसा हे त सरकार नसा  बंदी  काबर नइ करय?"  समारु कथे- सरकार कोन ये?  अरे तय अउ  हम ! वोट डर इय्या ह त सरकार आय पहली चलो हमी बंद करी ।गांव म मंद बेचाय बर बंद हो जाही । हमर बस चले त म उहा पेड ल कटवा के सगोन सराई ओमेर जगो दे। न रहे बांस न बजे बंसरी ।  पुनु  कथे - "ठउका कथस जी । रमेसर फांकत कहिस का ठउका कहिस.?. अरे आजकल गोली के दारु बनथे एक बोतल पानी म २-३ ठिन डार दे जहां धुरिस ते बनगे मंद । फेर अंगुर,
चउर,जवार, बाजारा सबो ल सरो के बनात हे।सरकार धान लेवत हे मंडी मन म सोझ्झे बरसात म सरोवत  राखे रहिथे  जानबुझ के  ताकि सरहा हे कहिके सराब कारखाना वाले ल बेचे जा सके। 
बने कहत हस जी हमु सुने हन मनबोधी फाकत कहिस -" उही सरहा मन के मंद बनत हे उन्ना के दुन्ना कमात हे । पुरा सरकारी कारज अउ  करमचारी के तनखा मंद के प इसा से पुरोहवत हे ।सरकार कम चतुरा निये ए हाथ म ले ओ हाथ म दे ।" 
  मंद कभु बंद नी होय ... तीज -तिहार देव -धामी सबो जगा म ओ बियाप गे हवे ।जंगलिहा मन ल २-३ बोतल म उहा मंद  राखे के सरकारी परमिसन हे ।
     आजकल तो सरकारे बेचत हे दवा नइये राशन माटी तेल नइ हे फेर डराम के डराम मंद ह गांव- गांव म गंगा बोहात हे बोरिंग कस पानी ।
       हव जी आजकल बोरिंग अउ खरंजा का बनिन गांव मन नरक लहुटगिन अब घर- घर शौचालय बनवा के ये नरक ल रौरव नरक बनवाय के उदिम करे जात हे।पंडित बबा हर सरकारी योजना अउ ओकर आधा- अधुरा पन ल देख अगिया बैताल होत कहत रहिथे । ओखर बात सिरतोन आय ।या तो जैसे हे चलन दे अउ जब नवा -नवा करना हे त पुरा करो ये नहीं कि अन्ते तन्ते आधा -अधुरा करके बनाय के चक्कर जोन हवे तहु ल बिगाड़ देय जाय।
   कच्चा बने शौचालय मन  के दुर्गंध ले गांव के गली- चौरा म बइठे नई जा सकय ।मार नाक नइ ठहरे । बिना नाली निकास नलजल के येहर बास अउ बैमारी के घर बनत जात हे । गांव म मच्छर नोहर रहिस अब ओकर कारखाना खुलगे हवय।

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  सालिक मनिज्जर के बरवट म पाटा राहय तेमा ब इठ उनमन रमैन भजन कीर्तन के तालिम करय । ओही पाटा म कलेक्टर साहब तहसीलदार  पटवारी कोटवार अउ साहेब मन संग बैठ के सर्वे करावय योजना बनावय । सालिक के कहना म  मैना हर   उन ल चहा पानी देवय।  
एकाध बार मुंह उचा के वेंकटरमन हर उन देखिस ... न इये उन अपन काम म बिधुन रहय ... चहा पानी देत मैना तको उन ल कनेखी देख लय ... । 

        कुछेक महिना बीत गय  कलेक्टर साहब के रिपोर्ट के सौपते सरकार  प्रस्ताव पास करवा के कानून बनवाइस ! नशा अउ  दुर्घटना के शिकार लोगों  के विधवाओ और उनके बच्चों के संरक्षण हेतु   सरकार "विधवापुनर्वास योजना "नवा रायपुर म लागू करेगें ।
     इस योजना में  ईच्छानुसार  पुनर्विवाह करके घर बसाय के प्रावधान तको हवे।
         दुसर बिहाव वाले बात म बड़ हो हल्ला होय लगिस ....फेर सासाबेगी अइसन थोरेच होही ? छाती वाला चाही एकर उबार करे बर ।फेर कोनो- कोनो भागमानी अउ धर्मी चोला होइ जथे ।
          एसो सरकारी सामुहिक बिहाव म पाच जोडा विधवा विवाह होइस । कलेक्टर साहेब खुदे दुल्हा बनिन  .अउ मैना दुल्हिन ..त कत्कोन झन के आस के पंछी सरग म उड़े धरलिस .....स्व सहायता महिला समूह सहित नारी सशक्तिकरण के योजना बने लगिस.....सरकारी सहायता से अ इलाय नार उल्होय लगिस
    अइ से लगत हे कि विडोस एरिया के दिन अब बहुरही ....
        डा अनिल भतपहरी/ 9617777514 
       सत श्री उंजियार सदन  सेन्ट जोसेफ टाऊन अमलीडीह रायपुर

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