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धर्म
धृ धातु से व्युत्पन्न धर्म का अर्थ मर्म यानि चित्त या मन में धारण करना । क्या धारण करना,गुण या अवगुण?
गुण धारण करना और उसे व्यवहार में लाना ही धर्म हैं।
इसे बताने समझने वाले ही प्रवर्तक या धर्मगुरु हैं।
धर्म गुरु या प्रवर्तक अपने समकालीनों को बताते हैं इसलिए उन बातों और तथ्यों को अपना ईजाद न कह किसी अज्ञेय सत्ता/शक्ति से प्रायोजित कह सर्व स्वीकार्य के योग्य बनाते हैं। कलांतर में अनुयाई उसे सर्वोत्कृष्ट और सर्वोत्तम घोषित कर पूजा पाठ इबादत सुमरन प्रार्थना में संलिप्त हो अनेक रम्य स्थलों पर भव्यतम प्रतिष्ठान बना लेते हैं, अकूत संपदा एकत्र हो जाते हैं। फिर अलग अलग मतों पंथों मे होड़ संघर्ष होना शुरु हो जाते हैं। देश दुनियां में जो सत्ता संघर्ष हैं उनपर इन्ही मतों का सर्वाधिक प्रभाव हैं।
बहरहाल मानव एक प्रजाति हैं और उनमें भी अन्य प्रजातियों की तरह नर मादा होते हैं,यदा कदा उभय लिंगी किन्नर भी मिलते हैं। ऐसा पशु _पक्षी,जीव _जंतु के प्रजाति में भी हो सकते हैं।
धर्म स्वभाव या गुण हैं जिसे मानव सहित सभी प्रजाति अपने मर्म मे धारण कर व्यवहार करते हैं। कोई हिंसक कोई अहिंसक कोई विषैले पर मानव प्रजाति सभी प्रजातियों में विरले और अनेक गुणों,इल्मों को सतत साधते /अनुसंधान करते विशिष्ट उपलब्धियां को हासिल करते आ रहें हैं।
इसी तरह अधर्म अवगुण हैं इसे भी वे मर्म मे धारण किए होते हैं और इसी के अनुरुप जीवन निर्वाह करते कुख्यात भी हो जाते हैं।
पर जिसे आजकल धर्म की संज्ञा दी गईं हैं असल में वह धर्म नहीं बल्कि प्रणालियां या पद्धतियां हैं।जैसे हिंदू मुस्लिम ,सिख ,ईसाई ,जैन, बौद्ध ,सतनाम पंथ कबीरपंथ राधास्वामी , आदि मत मजहब पंथ धम्म संप्रदाय सेक्ट रिलीजन हैं।जिन्हे व्यक्ति विरासत या अपने विवेक से अपनाता हैं और उनके नियम से जीवन निर्वाह करते हैं।
इसके मतलब वह धार्मिक हो ऐसा नहीं। वे मतावलंबी, अनुयाई,मजहबी सिखी जैनी बौधिष्ट बस होते हैं। वे तीर्थयात्री कर्मकांडी अनेक प्रतिक रंग वस्त्र माला तिलक कंठी जनेऊ मुद्रा धारी हो सकते हैं जिससे उनका पहचान हो। इन सब से वह धार्मिक हो यह ज़रूरी नहीं। अधिकतर अपराधी भी इन सबको धारण कर कानून से बचते हैं या अपनी स्वार्थ सिद्ध करते हैं।
दरअसल धार्मिक होना मतलब सत्यनिष्ट, दयालु,
परोपकारी, मानवतावादी होना हैं ,वर्ग जाति से ऊपर उठकर नैतिक होना हैं।
सवाल यह है कि ऐसा कितने हैं जिसे हम धार्मिक कह सकें?
- डॉ. अनिल भतपहरी/ 9617777514
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