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शास्त्रीय संगीत में छत्तीसगढ़ी का समावेश हो
चक्रधर महोत्सव की धूम मची हुई हैं और देश भर से ख्यातिनाम कलाकारों की प्रस्तुति हो रही हैं।
परंतु शास्त्रीय प्रस्तुतियों में छत्तीसगढ़ झलक नहीं रहें हैं । रायगढ़ घराने की कत्थक या एशिया की प्रथम संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की नृत्यादि प्रस्तुतियों में छत्तीसगढ़ी वस्त्राभूषण और गायकी में बोल बंदिश ख्याल ठुमरी आदि का समावेश होना चाहिए ।
यहां के घराने और विश्वविद्यालय की प्रस्तुतियों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक परिलक्षित हों ताकि कला जगत यहां की लालित्य और सौंदर्य से परिचित हो सके। जैसा कि अन्य राज्यों की भाषाएं और वस्त्राभूषण वहां की शास्त्रीय प्रस्तुतियों में समाहित होते हैं।
लोक कलाएं समृद्ध होकर सुगम और शास्त्रीय स्वरुप ग्रहण करती हैं जबकि यहां की कलाएं उन्नत तो हैं, पर ऐसा कब होगा ?
_डॉ. अनिल भतपहरी / 9617777514
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