#anilbhatpahari
।।नायाब कला ।।
ठहरता कहां मन ये देख लो भला
कसे जाते फब्तियां कहकर मनचला...
दाग से ही खूबसूरत हुआ है चंद्रमा
बेदाग देखने पर ये लगता कैसे भला ...
अक्सर नाम वाला होता है बदनाम यहाँ
बेनामी कभी बदनाम हुआ हैं भला...
ज़रुरी नहीं कि हर बात उनसे कही जाय
पता है आती नहीं हमें छुपाने की कला ...
हरदम बढ़ाते साहस कर हौसला अफ़जाई
मुफ़ीद हैं प्यारे पाई हैं क्या नायाब कला ...
- डाॅ. अनिल भतपहरी/ 9617777514
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