Friday, March 10, 2023

हड्डी की जीभ नहीं कि न फिसलें का लिंक‌

#anilbhatpahari 

।।हड्डी की जीभ नहीं कि न फिसलें ।।

अपनी प्रति अमेजान ,फिल्पकार्ट , गूगल प्ले से   मगाइयें - या   ईबुक फाम में उपलब्ध डाउनलोड कर प्रिंट करवाइये और नववर्ष में नव अनुभूतियों से जुड़िए ...

।।हड्डी की जीभ नहीं कि न फिसलें ।।

https://play.google.com/store/books/details?id=4CKkEAAAQBAJ

कल तुम्हे ईश्वर बनना हैं , राम की सद्गति , वहम , युद्ध , सड़क, काव्यार्पण  सुनकर असआर मेरी, कविता  इस तरह विविधतापूर्ण 71 कविताए और उनपर खूबसूरत पेंटिग्स ।

 मानवता ,समानता,  और सामाजिक सौहार्द्र के लिए आधुनिकतम विचारों से युक्त  विमर्श करती डॉ. अनिल भतपहरी की कविताएं और लतिका वैष्णव की  खूबसूरत  चित्रों की जुगलबंदी ।
एक अभिनव प्रयोग ...

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