#anilbhatpahari
।।यश की माया ।।
तुमने ही उन्हें
इतना महान बनाया
कि कद से बड़ा
हुआ उनका साया
रहा ओ तुम्हारे जैसा
पर बन सकते नहीं
कभी उनके जैसा
अब तो उसे तुम
ढो रहे हो बोझ की तरह
अजीर्ण अपच
पुरातन सोच की तरह
उन्मत्त हो जानकर भी
अब कुछ कर नहीं सकते
नव कलेवर देंगे
पर केंचुल उतर नहीं सकते
समय और वर्ष यूं बीत जाते
मुठ्ठी की रेत की तरह
फसल उगे न पके
उजड़ जाते खेत की तरह
तुम्हरा विश्वास
तुम्हारा आस
तुम्हें जिताएगा
गर करो हटकर कोई खास
कद से बड़ा होगा तेरा साया
बातों को मेरी समझना
यह भी हैं यश की माया
- डाॅ. अनिल भतपहरी / 9617777514
31-12-2022 शनिवार संध्या 7 बजे
चित्र : महानदी तट धमनी दहरा, छायांकन :मनोज वर्मा
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