Wednesday, December 22, 2021

संगी तोर मया

#anilbhatpahari 

आपके वास्ते छकड़ी हमरी 

संगी तोर मया 

संगी तोर मया ह लागे गोरसी के आंच असन
अरझे अंतस भीतरी कमचिल के फांस असन 
पलपला म उसने देह तोर शंकर कांदा असन 
बोली बतरस लसलस ले अमली लाटा असन
सुख -दु:ख बटागे सित्तो बोइर अउ चार असन 
धरखन एक दुसर बर काड़ अउ मियार असन

   - बिंदास कहे अनिल भतपहरी

चित्र - धनेश साहू

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