Friday, July 16, 2021

तन के तिजौरी मं

तन के तिजौरी  म मन के  मन   भर रतन भरे हे 
साधु अउ चोर किंदरत हे खोर सबके नंजर गड़े हे
एला क इसे बचाव उन ल  कइसे भरमाव 
कोनो उक्ति बताव .. कोनो मुक्ति देखाव .....

जब ले चढ़े हे ये बइरी जवानी 
जी के जंजाल बड़ हलकानी 
कोनो तो एकर जुगती मढ़ाव ...

गहना गढ़ाय न दान-पुन  जाय 
धरखन काकर कहे कछु न उपाय 
बिन बउरे जिनिस माहंगी फेकाय ...

खिरत हे उमर पैरावट कस रतन गंजाय 
मय  मुरख एला  सकेंव  न  भंजाय 
जांगर थकत हे कोनो रद्दा मुक्ति के बताव 

सत श्री सतनाम 
डाॅ. अनिल भतपहरी

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