Monday, June 14, 2021

कितनी प्यारी मधुशाला

कितनी‌ प्यारी मधुशाला
 
किसे पता था 
लाकडाउन में 
क्या से क्या होना
यह दिन भी दिखा गई 
ज़ालिम‌ कोरोना 
देख हतप्रभ भाया 
कोरोना की माया
शासन के तंत्र का 
राजस्व पाने के यंत्र का
पहिये थमने पर भी 
पेट्रोल डीज़ल का उछाल 
सौ का लीटर 
देखो क्या कमाल 
पूजा-पाठ हो रहे 
मदिरालय में 
ताले लटक रहें  
देवालय में ‌
क्यों न हो 
बिन पीये बौरातें लोग 
और कर के पूजा- पाठ 
इतराते लोग
अब तक सर न फूटा 
किसी का न हुआ 
उन्माद वहाँ
सारे गमज़दा 
दु:खी  और सुखी 
मिलते निर्वाज्य सभी 
तज कर अपने पूर्वाग्रह 
नशे में डूबे करते आग्रह 
मिलते गले परस्पर 
जाति धर्म भाषा भूलकर 
पर जाते पूजा गृहो में 
रख कर यह सारे 
भेद -विभेद 
शांति के नाम पर क्लेश 
दढियल लम्पट नक्काल 
इनके अजीबोगरीब चाल 
ठग- जग का  मायाजाल 
रक्त रंजित धर्मनिष्ठ 
बही नदियाँ खून की 
आका इनके सत्ता में 
न डर भय कानून की 
भेद कराती इनके  
सजे - धजे मंदिर -मस्जिद 
जहां है गड़बड़ झाला 
मेल कराती उजड़े - बिझड़े 
कितनी  प्यारी मधुशाला

         -डाॅ. अनिल भतपहरी/   9617777514

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