Wednesday, May 11, 2022

सद्विचार

#anilbhatpahari 

।।सतविचार ।।

      ।।महापुरुषों के  सात सोपान ।।

         सामूहिक जागरण के प्रथम सोपान  सत्य का बोध होना है। यह व्यक्तिगत जागरण है। जिसमें सर्व प्रथम चेतना आएगी वही जन चेतना लाने उद्यम, तप -साधना ,अध्ययन -मनन, चिंतन आदि  करेन्गे। यह अनुक्रम द्वितीय सोपान हैं।

     तप -साधना शिक्षा आदि से आत्मबल जागृत होते है  या आत्मशक्ति प्राप्ति के बाद  जन जागरण /आन्दोलन या क्रांति करेन्गे यह तृतीय सोपान हैं।

          उनके उपरान्त स्वयं मुख्तार या प्रबंधन या शासन करते  यह चतुर्थ सोपान  हैं।

           शास्ता के उचित प्रबंधन से लोक कल्याण मार्ग  प्रशस्त होते हैं,यह पंचम सोपान  है। ऐसा करते ही व्यक्ति जन मानस मे श्रद्धा के पात्र बनते है यह छटवां  सोपान हैं। 

         गुरुघासीदास अपने जीवन काल मे इन  सोपान से गुजरते हुए  अंत से सातवें सोपान महासमाधिस्थ या अन्तर्धान को प्राप्त हुए ।

    प्रज्ञा सम्पन्न महापुरुषों  के जीवन मे इस तरह  के  सोपान घटते है और सप्तम भाव मे प्रविष्ट होते ही वे  अक्षय कीर्ति के स्वामी होकर  दुनियां के पथ- प्रदर्शक  जाते हैं। इन सोपानों के केन्द्र में सत्य प्रेम करुणा और परोपकार हैं । 
         इन चारों तत्व के धारक और व्यवहारक साधारण व्यक्ति भी असाधारण हो सम्मानीय और पुजनीय हो जाते हैं।
                  सतनाम

      डा. अनिल भतपहरी / 9617777514

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