Wednesday, January 9, 2019

कठुआ के हडिया चुल चढ़य नही

कहे  बिंदास अनिल भतपहरी
        आपके वास्ते छकड़ी हमरी

बिधान बांटे हे मनखे ल  त बिधानेच ह जोड़ही।
गुन्निक मन गुनत सुम्मत के,रद्दा ल  चत्वारही।।
गर जोर जुलुम बर कउनो नंवा उदिम सिरजाही!
त कलेचुप सडयंत्री के डेना धर गद्दी ले उतारही।।
कखरो जोर-जुलुम तइहा कस अब चलय नही।
घेरी-बेरी कठुआ के हाड़िया हर  चुल मं चढ़य नही ।।
    -डा. अनिल भतपहरी

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