Sunday, November 10, 2024

एक थे ही कब

#anilbhattcg 

एक थे ही कब कि  बटेंगे 
डर क्यूँ फैला रहें कि कटेंगे

दम नहीं किसी में जो काट सकें 
बटे हुए को कोई और बाट सकें 

करना हैं गर एक तो वर्ण जात पात मिटाओं 
इसके जनक ऋचा श्लोक वेद ग्रन्थ से हटाओं

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