#anilbhatpahari
।।हरेली ।।
देंख-ताक कहिले झन कहिबे बरपेली
हर लेही दु:ख हमर असो के हरेली
कइसे बुढादेव बबा , कस बुढ़ी दाई ...
खरिखा डाड़ म सबो गरवा सकलाये
दसमुड़ ,गोंदली संग सब लोंदी खवाये
देख मेछरावय बछवा मतावय चाहली
हांसे शंकर भोला संग म पारबती ...
बोवनिया जमनिया बादर ह बरसिस
सम्मत देख के किसान मन हरसिस
झुलबोन झुलना अउ झुलबोन रहचुली
कैसे भैया किसना कस भौजी रुखमनी ...
जांगर टोर करेन ,जबर मतासी
तभे लौहा झरिस हे रोपा-बियासी
नांगर धोवागे अउ खपागे गेड़ी
कइसे कका बिसनु कस काकी लछमी ...
सरधा राखव अउ सइता मन म धरव
देव धामी ल बने सुमरव अउ बदव
चीला चढ़ाके चल , मना बोन हरेली
कइसे बुध,कबीर साहेब गुरु बबा घासी ...
- डा. अनिल भतपहरी / 9617777514
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