आपके वास्ते छकड़ी हमरी
" लिमउ "
गरमी मं लिमउ सक्कर पानी ले मन थिरा जथे
कत्कोन झोलाये पीते साठ कुहकुही सिरा जथे
दार-भात संग ससन भर खाले रोजेच अचार
बिटामिन सी भरे हवय रसा मं एखर अपार
तिहि पाय के अंगना मं लगावव लिमउ पौंधा
ममहई अउ सुघरई संधरा पावव संगी ठौका
बिंदास कहें -डां. अनिल भतपहरी
No comments:
Post a Comment