सत-संधान
Sunday, May 15, 2022
संसो करत रहिथंव
भल कछु करव नही फेर
संसो ल करत रहिथंव
अभाव म सभाव ल रे संगी
अंतस म भरत रहिथंव
सुध म तोर बिसुध होके
गांव-गली शहर-पहर बुलत रहिथंव
आरो पाथव आये तीर -तखार
त नजरे -नज़र म खोजत रहिथंव ..
घाद मयारु जोड़ी तोर मीठ बोली
सुने बर तरसत रहिथंव ...
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