।।जय जोगी ।।
माटी के बेटा जोगी तय हर
खा के गोटी माटी
बगराये जन जन म
मया के हीरा मोती
गंगा अमली के बीजा अरझगे
घेंच मं होगे ओखी खोखी
कलपय लाखों नर नारी
रोवय धर धर छत्तीसगढ़ महतारी...
गांव गवई जंगल ले निकले
बनके तय ह हीरा
चिन्हे तय जम्मों मनखे मनके
दु: ख अउ पीरा
पोछे आंसू गरीबन के गुनवंता हस भारी ...
बने तय कप्तान कलेक्टर
सांसद अउ मुखमंत्री
गरब न गुमान चिटिक तोर
तय गरीबन के संगी
जोर जुलुम बर टकराये बनके खाटी लोहाटी ...
तपोये तन मन ल करे
पढ लिख के तप ल भारी
अव्वल रहे सदा तय हर
देखे किंदर दुनिया सारी
मनवाए लोहा अचरुज देखे सब नर नारी ...
जय जोगी जय जोगी जय जोगी
तोर परताप अचरुज हे तोर महिमा हे भारी ....
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डा. अनिल भतपहरी/ 9617777514
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