#anilbhatpahari
युद्ध के खिलाफ़ बुद्ध
राज्य व राष्ट्र के लिए
लड़ते राजाओं/राष्ट्राध्यक्षों
सुनो तुम्हारा वार
महज वहशीयाना हैं
विकट नरसंहार
केवल कायराना हैं
लड़ो इन्हें बसाने
न कि उजाड़ने
मनुष्य न रहे तो
निर्जन राज्य / राष्ट्र
केवल टुकडे हैं भूमि के
बनता हैं राष्ट्र
सुखी समृद्ध जनों से
क्योंकि जमीन से
मूल्यवान हैं जीवन
दारुण दु:खों से
लड़ते हुए बुद्ध
होते ख़िलाफ युद्ध
-डा. अनिल भतपहरी
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