""विडोस एरिया "
विडोस एरिया ये क्या बला हवे? असना कोनो नाम होथय ? कति अंग या ठ उर ल कहे जाथे ? हमन तो पहिली घांव सुनत हन रे बबा ? सुकरीत कोतवाल ह घेरी- बेरी नोटिस के कागज ल अपन सलुखा के खींसा म धरत त निकालत फरियात कहे लगिस ... नवा पटवारी कालेज पढे़- लिखे फटफटी म आय -जाय। बोधन मंडल कहत लागय के बेटा धजादास जोन डी.डी . पटवारी के नाव ले अपन हल्का म जाने जाथे ।सियान कोटवार ल समझावत कहिस .... कोटवार बबा कलेक्टर साहब हर नवा राजधानी के गांव के पारा मन म जिहां ४-५ बछर म मनखे अकाल मौत मरत गिन हे। कोनो किडनी, कोनो लिवर त कोनो हर कैसर बिमारी मं । कोनो एक्सीडेन्ट तो कोनो जहरीला शराब पी के, कोनो चरस अफीस और डरग -अरक म सिरायवत गे हे उकरेच परिवार ल चिन्हाकित करे बर हांका परवात हे ।
" का उन मन ल मुयावजा मिलही का पटवारी साहेब? तीर म कोटवार संग खडे समेदास तिखारत पुछे लगिस ।
डी डी पटवारी कहिथे - अइसे हमला न इ लागत हे । फेर सुने म आत हे विधान सभा म प्रश्न पुछे गिस हबे कि राजधानी एरिया के गांव म धड़ाधड़ मौत -फौत होने लगा है। आपसी बटवारे और पारिवारिक कलह फैलते जा रहे हैं। उसका कारण क्या? उसे रोकने सरकार प्रभावी कदम उठा रहे हैं या नहीं ? नवतोम्हा विधायक के पुछे ल विधानसभा सन्न हो गे रहिस .... तेही पाय के कलेक्टर साहेब लमसम जानकारी बर मुनादी करात हे .... कि काकर काकर घर फौत होय हवे। ओकर जानकारी पंचायत भवन म आके लिखवाहु और कोटवार रजिस्टर म फौत के आगु कारण लिखवाहु। ऐसे हाका परवा देना । कल साढे १० बजे से नाम एंट्री होना शुरु करेन्गे ।बने हर चौक में खडा होके हांका पार देना । कहिके डी डी पटवारी हर आगु गांव डहन मुनादी कराय चल दिन ......
गियानिक दास हर भुपेन किराना दुकान तीर लीम चौरा म अपन नाती नतनिन ल नड्डा बिस्कुट खवावत
बइठे रहिस कि डी डी पटवारी संग अभरेट हो ग इस .... साहेब सतनाम बंदगी होइस त पुछिस- " का हालचाल हे मंडल " .... त अपन मितनहा मंडल बोधन के बेटा डी डी ल देख बेटा के सुरता आगे ..रोनहुत कहे लगिस " बड़ दुःख के गोठ हे पटवारी साहेब का ला गुठियाबे अउ काकर कना दु: ख ल परियाबे ।बुढ़त काल तीरथ- बरत करत समे बिताबोन कहत कुलकत तसीली जाके खेत के रजिस्ट्री म दसकत दे रहेन । जम्मा रुपया ल सरकार हमर बैंक के खाता म डार दे रहिस अउ एक कारड दे रहीस जरुरत पडे म एकर से मशीन म खुसेर ४० हजार तक के एक दिन म रकम निकाल लेबे ।मय खाता अउ अटीएम कारड ल संदुक म बिज्जक मार धरे रहेंव फेर का करबे तारा टोर के परबुधिया जीराखन टुरा ल कलेचुप निकाल के रोजेज मंद कुकरी जुआ- चित्ती अउ अपन बाई बर आनी -बानी के लुगरा सोन- चांदी के जेवर अउ हप्ता हप्ता कती माल टाकिज हवे सनीमा देखे जा -जा के साल दू साल म फूंक डारिस !" पटवारी टकटकी लगा के सुनते रहिगय।
ओहर सांस लेवत कहिन - " बरजे न इ मानय ददा ! भलुक अउ सवा सेर अउ एक रात मंद पीए फटफटी म चढे आत रहिस ये नवा राजधानी के सड़क म चलत रेती -मुरम भराय हाइवा म चपका के सतलोक सिधार गय ! थप थप आंसु चुहे धर लिस ... हमर त दुनिया उजड गय ! तीर म तोरन कठिवाय बइठे सुनत रहिस मुंह उलावत कहिन - "भले गांव उजाड के सरकार महल सिरजात हवे! आज नाती -नतुरा के पोसई म उमर खपत हे । डोकरी ल असोच लोकवा मार दिन अउ बहुरिया के त उही एक्सीडेन्ट म एक गोड एक हाथ कटाय खटिया के पुरतीन हे ।" परछी म ढ़रके उन ल एक नजर देखत पटवारी सिहरे असन होगिस ... ओला ओकर म इके न इ भेज देतेव ग ?
" समधी बिचारा जतनहु कहिके लेगे रहिस फेर उकर बेटा बहुरिहा कब तक राखतिस .... एक फटिक के चल दिस ।बपुरी खोली म फफकत परे रथे। मोर त बड़ मरना हवे ... का करव, कइसे करव कहे नी जाय ?
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सुने म आत हे अब गांव धर ल उजारे जाही .... कोतवाल के काही हाका पारे ल सुन करेजा मुह आ जथे ... सथरा म बइठे कौरा नई उठे । का होही सतपुरुस साहेब तही जान । कहत बोधन मंडल के तर- तर आंसु बोहा जात हे!
गियानिक अउ बोधन के दोस्तदारी के बड़ किस्सा रहीस ... दुनो अपन अपन गांव के बडंहर रहीस ।अउ उखर एकलौता संतान रहीस । दुनो म बेटी -बेटा होतिस त गुरावट जुड़ जतिस ।फेर बेटा मन के बिहाब एके गांव अउ एके लगन म संगे बरात ले के बहुरिया बिहाव के संउख रहीस । फेर बड़ भगमानी होथय जेखर संउख अउ साध पुर जाथे । छत्तीसगढ़ी मनसे मन त अभागा होथे ।जेकर बेटी ल बोधन अपन धजादास बर जोगें रहिस ओहर मंद के निशा म तरीया म बुड़ के मरगे .... तहां धजादास के बिहाव टलगे अउ पढे बर रायपुर के कालेज म चल दिस । एती मन मार के उही गांव के संत सरुप तोरन के घाद जात- जतुवन बेटी मुंगेसिया के बिहाव उच्छाहित गियानिक मंडल अपन अकलौता बेटा अंजोरदास बर करे रहिस ।फेर अंजोरदास हर काकर भभकौनी म आके अंधियार दास लहुट गय गम न ई मिलिस। अउ एक दिन मंद -मउहा म चुर हाइवा म चपका के असमय परलोक सिधार गय! ओकरेच दुनो संतान अउ अपाहिज पत्नी के नाव सर्वे सूची म लिखवा दिस । चलव कछु आसरा सहारा मिल जाय त जिनगी के गाड़ी अटके हे, आरा- पुठा छरियाय हे! तउन सवर जाय अउ फेर ढिचीर- सीचीर चल परय !
नवा कलेक्टर साहेब बड़ दयालु हवे । सुने म आथे उन मन हमरे सरीख गरीबहा घर ले निकले हवे ..खोरबाहरा ह लीम चौरा म संझा बइठे लोगन मन ल बताय लगिस कि उकर बाप हर तको तड़िहा अउ जंग मंदहा रहिस ।कोड़ोबोड़ो राज के रहोइय्या ये ।ताड़ नरियर के पाना छवाय कुंदरा म रहय अउ ओखर महतारी बपुरी नरियर बगैचा म बनी भूति करय ..एक दिन नडियल पेड़ म चघे ओकर गोस इय्या नशा के चक्कर म मुड़ भरसा गिर गय . तीन लरिका के महतारी बपुरी के बिपत झन पुछ
कइसे अपन नान नान लरिका ल पोसिस होही सजोर करिस .होही ! .. अउ ओखर बड़े बेटा ल नवोदय स्कूल म भर्ती कराइस ....आज उही ह गरीब -गुरबां बर देवता बरोबर इंहा आके सेवा बजात हवे। अउ अलकर म होय विधवा महिला मन ल रोजी- रोजगार देय के उदिम चलावत हे उकर बाल बच्चा मन पढाय बर अवासीय स्कूल खोले जाही । सरकार सो नवा- नवा प्रस्ताव बनवात हे उकर पुनरवास बर जी जान लगे हवे ... सुने म आत हे कि उनमन बिहाव नइ करे हे ... अउ कोन्हो विधवाच संग बिहा रचाही ! वेंकटरमन नाव के कलेक्टर ल बिसाहू कहिथे ओकर ददा पुरखा मन बिकट रामायन पढे ग ते पाय के बेंकटरमायन नाव धराए हवय। ओकर अंताज ल कत्कोन झन सच मान लिन । तभे तो अड़ताफ म रमैन पारटी के मिनज्जर सालिक राम के नवा बहु मैना के हाथ मेहदी नइ छुटे रहिस अउ ओकर सेंदूर पोंछा गय...विधि के बिधान कहिके बिचारी सास ससुर के सेवा बजावत ब इठे हवय।
गांव के चौरा म सकलाय संझा कन मनबोधी हर कहिस - " उनमन अतेक करत हे त सबो नास के जर मंद मंउहा के नसा हे त सरकार नसा बंदी काबर नइ करय?" समारु कथे- सरकार कोन ये? अरे तय अउ हम ! वोट डर इय्या ह त सरकार आय पहली चलो हमी बंद करी ।गांव म मंद बेचाय बर बंद हो जाही । हमर बस चले त म उहा पेड ल कटवा के सगोन सराई ओमेर जगो दे। न रहे बांस न बजे बंसरी । पुनु कथे - "ठउका कथस जी । रमेसर फांकत कहिस का ठउका कहिस.?. अरे आजकल गोली के दारु बनथे एक बोतल पानी म २-३ ठिन डार दे जहां धुरिस ते बनगे मंद । फेर अंगुर,
चउर,जवार, बाजारा सबो ल सरो के बनात हे।सरकार धान लेवत हे मंडी मन म सोझ्झे बरसात म सरोवत राखे रहिथे जानबुझ के ताकि सरहा हे कहिके सराब कारखाना वाले ल बेचे जा सके।
बने कहत हस जी हमु सुने हन मनबोधी फाकत कहिस -" उही सरहा मन के मंद बनत हे उन्ना के दुन्ना कमात हे । पुरा सरकारी कारज अउ करमचारी के तनखा मंद के प इसा से पुरोहवत हे ।सरकार कम चतुरा निये ए हाथ म ले ओ हाथ म दे ।"
मंद कभु बंद नी होय ... तीज -तिहार देव -धामी सबो जगा म ओ बियाप गे हवे ।जंगलिहा मन ल २-३ बोतल म उहा मंद राखे के सरकारी परमिसन हे ।
आजकल तो सरकारे बेचत हे दवा नइये राशन माटी तेल नइ हे फेर डराम के डराम मंद ह गांव- गांव म गंगा बोहात हे बोरिंग कस पानी ।
हव जी आजकल बोरिंग अउ खरंजा का बनिन गांव मन नरक लहुटगिन अब घर- घर शौचालय बनवा के ये नरक ल रौरव नरक बनवाय के उदिम करे जात हे।पंडित बबा हर सरकारी योजना अउ ओकर आधा- अधुरा पन ल देख अगिया बैताल होत कहत रहिथे । ओखर बात सिरतोन आय ।या तो जैसे हे चलन दे अउ जब नवा -नवा करना हे त पुरा करो ये नहीं कि अन्ते तन्ते आधा -अधुरा करके बनाय के चक्कर जोन हवे तहु ल बिगाड़ देय जाय।
कच्चा बने शौचालय मन के दुर्गंध ले गांव के गली- चौरा म बइठे नई जा सकय ।मार नाक नइ ठहरे । बिना नाली निकास नलजल के येहर बास अउ बैमारी के घर बनत जात हे । गांव म मच्छर नोहर रहिस अब ओकर कारखाना खुलगे हवय।
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सालिक मनिज्जर के बरवट म पाटा राहय तेमा ब इठ उनमन रमैन भजन कीर्तन के तालिम करय । ओही पाटा म कलेक्टर साहब तहसीलदार पटवारी कोटवार अउ साहेब मन संग बैठ के सर्वे करावय योजना बनावय । सालिक के कहना म मैना हर उन ल चहा पानी देवय।
एकाध बार मुंह उचा के वेंकटरमन हर उन देखिस ... न इये उन अपन काम म बिधुन रहय ... चहा पानी देत मैना तको उन ल कनेखी देख लय ... ।
कुछेक महिना बीत गय कलेक्टर साहब के रिपोर्ट के सौपते सरकार प्रस्ताव पास करवा के कानून बनवाइस ! नशा अउ दुर्घटना के शिकार लोगों के विधवाओ और उनके बच्चों के संरक्षण हेतु सरकार "विधवापुनर्वास योजना "नवा रायपुर म लागू करेगें ।
इस योजना में ईच्छानुसार पुनर्विवाह करके घर बसाय के प्रावधान तको हवे।
दुसर बिहाव वाले बात म बड़ हो हल्ला होय लगिस ....फेर सासाबेगी अइसन थोरेच होही ? छाती वाला चाही एकर उबार करे बर ।फेर कोनो- कोनो भागमानी अउ धर्मी चोला होइ जथे ।
एसो सरकारी सामुहिक बिहाव म पाच जोडा विधवा विवाह होइस । कलेक्टर साहेब खुदे दुल्हा बनिन .अउ मैना दुल्हिन ..त कत्कोन झन के आस के पंछी सरग म उड़े धरलिस .....स्व सहायता महिला समूह सहित नारी सशक्तिकरण के योजना बने लगिस.....सरकारी सहायता से अ इलाय नार उल्होय लगिस
अइ से लगत हे कि विडोस एरिया के दिन अब बहुरही ....
डा अनिल भतपहरी/ 9617777514
सत श्री उंजियार सदन सेन्ट जोसेफ टाऊन अमलीडीह रायपुर