Wednesday, October 6, 2021

किसान

आपके वास्ते छकड़ी हमरी 

।।किसान ।।

माटी म मिल  के उपजाथे  उन्हारी गहू धान
होथे भुंइया के भगवान,सिरतोन म किसान
सिरतोन म किसान के देख न जाय करलाई
ले दे के जिनगी चलथे बाढे  नंगत ले मंहगाई 
तना-नना जिनगी होगे का कहव गोठ दिल के 
गुनत बइठे चौरा मं आगे बेरा माटी म मिले के 

                बिंदास कहे - डा. अनिल भतोहरी

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