#anilbhattcg
नसीहत
धर्म मज़हब जाति पर
कत्लेआम मानवता का
दंभ के प्रमाद पाले हुए
कृत्य दानवता का
भड़कते धार्मिक भावना
उकसाते रहे सदा
कट्टरपंथियों की सत्ता मोह का
यह कैसी विकट दुर्दशा
होम करते जलाए हाथ
ये अपढ़_ कुपढ लोग
उस्तरा बंदरों के हाथ में
खून से लथपथ लोग
क्या पता इनकी ढिठाई
से कुछ बड़ा हो जाते
रखें हुए दोनों के
अणु बम खड़ा हो जाते
* * *
कायरों की कायराना हरकत
पहलगाम की चोटिल चोट
पता हैं उनकी फितरत
फिर मच गई अनायास होड़
करते हवाले हमारे
उन आतंकी को
यूं शत्रु नहीं मानते किसी
आम पाकी को
पर ऐसी कुछ बात नहीं
एक दूसरे पर विश्वास नहीं
साबित करने अपने को
असली मर्द का बच्चा
छीनते एक दूसरे की
अस्मत का कच्छा
सदा बाली सुग्रीव सा द्वंद्व
इनके जड़ में वहीं धर्म तत्व
* * *
समझ कर बिगडै़ल बच्चा
नाराज़ हो गए बड़े अब्बा
कान उमेठ कर दोनों के
कर दिए गोल डब्बा
करो सेवा पीड़ित मानवता की
सक्षम राष्ट्र गढ़ों
यूं ही धर्म मज़हब के नाम
व्यर्थ न लड़ कट मरो
जन न हो तो निर्जन स्थान
कोई राष्ट्र नहीं
जन सेवा ही राष्ट्र सेवा है
इनसे बढ़कर कोई धर्म नहीं
भले समझो उसे तुम
नीरा मांस की मंडी
पर वहीं से बुझी आग
लपटें हुई ठंडी
No comments:
Post a Comment