मित्रों सुनिए हमरी छकड़ी
रक्त सिंदूर
भारत मां की चरणों में चढ़ाकर के सिंदूर
संकल्प लिए है शत्रु को करने चकनाचूर
करने चकनाचुर दुश्मन को हमने ठाना है
एक के बदले में सौ मुंड काट कर लाना है
निभाते रहे दस्तुर और चले प्रेम भरी वचनों में
परअब रक्त सिंदूर चढेगा भारत मां की चरणों में
बिंदास कहे डा.अनिल भतपहरी / 7-5-2024
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