Tuesday, September 19, 2023

सत्य सनातन

#anilbhatpahari 

।।सत्य - सनातन ।। 

देख दुनिया 
रीत -नीत 
फैले हुए है 
द्वेष - प्रीत 
अगणित शत्रु
अगणित मीत 
कोई नही 
कबीरा एक 
उठते हृदय में 
भावातिरेक 
राग अनेक 
अनुराग अनेक 
पर विराग से 
आते विवेक 
होते एकाग्र 
चित्त-मन 
जागृत अन्तर्मन 
आहर राग है 
सब राग के
अधिपति शिव है 
बिन आहार 
जीव निर्जीव है 
राग ही  शक्ति  
बिन शक्ति 
शिव शव है 
राग-विराग के
द्वंद्व में पलते  
भ्रम-भव है
वही तथागत 
वही बुद्ध 
वही संत गुरु 
वही मेधा प्रबुद्ध 
राग त्याग 
वैराग्य लेकर 
प्रणय कैसे v.  
यह जीवन 
बिन प्रणय   
चलेगा कैसे 
जीर्ण -शीर्ण  jh vc
वब hत्यज  b h.  C hj ccxb b
जिस से हो ग 
जन कल्याण 
और इसी से x.  Xbbu. X. Bcczhnh cnb hhbh cc
स्व कल्याण cx xb h. X b. Cb
होगा तब  यह. त. र. Cc
धरा स्वर्गh .  
ढहे द्वेb c cष  मो nh   s  
हो नव वि मर्शbव स्व nnbxn vnn c. . C ccv.  
जगति तल. hक्सक्स  cb ndtv v cvका 
हो उ,द्धार.  h  nb c h vc ण.   Vhh 
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प्रिये कांधे पर   Xb के. Cbc x cb 🥰. Vu. 
यह विकट   भाh र     c x. Xb.     c
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कर्म इ ch नित्य नूतc. ण. Bन h, व  cbc
कल्याcv.  Bhccणकd.b हो  f xc  हर चिंतन-   मनन 
यही तो है शाश्वत  x hxx 
सत्य सनातन h x
- डा. अनिल भतपहरी / 9617777514

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