Tuesday, August 23, 2022

करेला पान

करेला पान 

करेला पान निच्चट करु करेला पान निच्चट करु 
मुड़ म बोहे गघरी ह गोरी ल लागय गरु ...

अबड़ दिन म लहुटिस गम्मतिहा गिरधारी 
सुवागत बर चुरिस हे  बरा अउ सोहारी 
अखमुंदा धड़किस बइठ उखरु ...

कनिहा लिचकत हे अउ गघरी छलकत हे 
छुनुर छुनुर पइरी संग मन थिरकत हे 
बोहे कांवर कांदी के बोझा ह लागय हरु ...

देखब  म लगथे  धरम करम बढ़त हे 
फेर कइसे सत अउ बिसवास ह खिरत हे 
संत ग्रंथ बानी हर होवत हे  करु ...

कहे म अब तो जनता के राज हे 
पंच सरपंच मन के रोज मंद भात हे 
बन के पंच मगन हे हमर सुंदरु ...

फूलिस रुप के फूल मन भौंरा मोहागिस 
मिलिस नंजर त लगिन धरागिस 
घिड़कत नंगारा अउ बाजत हे तुतरु ...

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