सत-संधान
Friday, February 16, 2024
सुवागत गीत
परिस
परिस चरन तुहर हमर अंगना
दुमन आगर सुवागत हे पहुना ..
आये ल तुहरेच ये मन हरियागे
संसो फिकर के चिरई ह उड़ियागे
कुलकत गावत मगन नाचे मन हा ...
पाबो असीस तुहर बोली बचन के
उजराही कजराहु ह अंतर मन के
बनही बनौकी कट जाही अल्हन गा ...
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment