#anilbhatpahari
।।मैं का मायाजाल ।।
मै की बिमारी फैले हैं
चारो तरफ चहूँ ओर
मैं से हम, हम से मैं
का हैं सब तरफ शोर
आजकल का नहीं ,
यह रोग बहुत पुरानी हैं
मय दानव के मायाजाल से
भरी -पुरी कहानी हैं
मैं के कुनबे मिलकर
आपस में हम हुआ
फिर जातिय संगठन
का उदय अहम हुआ
मानवता पिसाती गई
इनकी काली करतुत से
तुष्ट भले वे हो अपनों में
पर मरते जन दारुण दु:ख से
मैं के कारण ही सर्वत्र
छल -छद्म पलने लगा
वर्ग संघर्ष शोषण दमन का
चक्र चलने लगा
उसी का विस्तार देखों
अब भी फल- फूल रहा
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
प्राय:इन के ही उसुल रहा
-डॉ. अनिल भतपहरी, ९६१७७७७१५४
सत श्री ऊंजियार सदन ,सेंट जोसेफ टाउन अमलीडीह रायपुर छ ग.
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