Wednesday, June 3, 2020

यक्ष प्रश्न

DrAnil Bhatpahari  जी, 

आज आपके आशुकवित्व को जाना। 
     इतने कम समय में उसी भाव को और समृद्ध करते हुए आपने एक नया आयाम दिया, साधु, साधु.! वाह। 

       मैंने सस्नेह जो अर्थ लगाया उसी के अनुरूप आपकी पंक्तियों को हल्का स्पर्श, किया है, देखिए जँचे अगर, 

सस्नेह! 

।।यक्ष प्रश्न ।।

एक हम हैं
जो तुम्हें बसाए हुए हैं
अपने दिल में
और  एक तुम हो 
जो कहती हो
कि रहती हूँ मुश्किल में - 

अब तुम्हीं कहो , 
तुम  बड़ी या 
दिल बड़ा तुम्हारा 
और हम प्यारे
या फिर  दिल
हमारा प्यारा ? 

-डा.अनिल भतपहरी

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