Girdhar Gopal Sahu जी सत्यनाम सांचा नाम और सतनाम पर्यायवाची सा लग तो रहे है पर इनमें अंतर है।
सत और सत्य मे अंतर है।
सत किसी भी वस्तु आदि सार तत्व है वह अदृश्य अर्क या महक सा है।
और सत्य वह सामाग्री है जो दिखता है।
सत्य बाह्य और दृश्य तत्व है ।
जबकि सत आंतरिक व अदृश्य
सत्य साक्ष्य सा एविडेंस है।
जबकि सत यह होते हुए भी अनुभति जन्य है।
सत्य ईकाई है
और सत असीम है अनंत है और वह हमारे आसपास है।
सतलोक हमारे आसपास कीर्ति के प्रभामंडल से आवृत दुनिया है। वहां रहना जीवित मे सदाचारी व सतधारी रहना है और मत्युपरान्त प्रविष्ट होना ही सतलोकी होना है। यहां रहना और होना में जीवन मत्यु का भाव सन्निहित है।
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