"गुरुघासीदास प्लाजा आमापारा रायपुर "
सतनामी समाज की धर्मगुरु माता मिनीमाता प्रथम महिला सांसद के अभिनव प्रयास से उपलब्ध भूमि पर निर्मित (१९९५-९६ ) आमापारा रायपुर जी ई रोड पर भव्य गुरुघासीदास प्लाजा को एक पर प्रान्तिक मूल के बिल्डर ने कब्जा करके (लीज अवधि समाप्त होने के बाद भी ) रखे है!सतनामी समाज को सौपने हेतु सर्व छत्तीसगढी समाज शासन -प्रशासन को अवगत कराने यदि मिलकर अभियान चलाते हैं तो यह सामाजिक समरसता का एक नायब उदाहरण होगा।
इस भव्य व्यवसायिक परिसर से प्राप्त आय से छात्रावास नि: शुल्क कोचिन्ग व्यवसायिक रोजगार मूलक पाठ्यक्रम निम्न आय वर्ग के सभी बच्चों के लिए संचालित कर एंव सराय आदि बनाकर गुरुघासीदास बाबा के स्वप्न " तय मंदिर मठ गुरुद्वारा झन बना तोला बनायेच बर हे त धर्मशाला पाठशाला नियाला बना कुआ तरिया बना दुरगम ल सुगम बना । तब सचमूच में उनकी कथ्य चरितार्थ होन्गे।वैसे वहा ९ कमरो का २० सीटर मिनी छात्रावास संचालित हैं।
ऐसे मे क्या समाजिक समरसता के प्रशंसक और उन्हे संचालित करने वाले लोग ऐसा करने पहल कर करेन्गे? या आगामी चुनाव में सतनामी वोट बैंक को देखते राष्ट्रीय पार्टी अपनी मेनोफेस्टो में रखेन्गे। क्या सतनामी समाज अपनी करोडो के बेशकीमती धरोहर को सहेजने अपनी राजनैतिक चेतना का सार्थक अनुप्रयोग कर सकेन्गे?
इन प्रश्नों के सही समाधान हेतु विद्वत समुह से सार्थक परिचर्चा के आकांछी है।
-डा अनिल भतपहरी
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