Sunday, November 11, 2018

हक्का बक्का

"हक्का -बक्का"

जतका के घाघर नही तकता के पुदगौनी

करमइता के भाग नथागे कइसे  के कहौनी

ठलहा बैठांगुर के गोठ चुटुर -चुटुर

चाल चले सतरंजी करे सुटुर -पुटुर

देस ल लूटे बर लगे हे लटुर -लुटुर

सपटे ओधा म ताकत हे टुकुर- टुकुर

कोन बांधही बिलई के घेंच म  घाटी

कपसे मुसवा कस चपकाये जस चाटी‌

चलत हे पारटी वाले साहेब मन के गरकटई

चुरत चिकन चीला चढ़े चुल्हा म तेलई

उत्ता-धुर्रा ताते-तात टोटा के आत ले खवई

देखे नई जा सके जनता के करल‌ई

फारथन मुंह ल  फेर फूटे न मुह ले बक्का

भारी परबंध  हे चले न हक्का- बक्का

  - डा. अनिल भतपहरी
9617777514

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